Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय बो यादें

अगर तुम मिल गए होते,मेरा जीवन सवंर जाता।
मेरा विश्वास न खोते,मेरा सब हल निकल आता।

तुम्हारी  मोहनी  मूरत को ,जब से श्याम देखा है,
नही देते जो तुम दर्शन मेरा तन-मन बिखर जाता।

तुम्हें  हम रात-दिन घनश्याम, मन से ढूंढते रहते,
नींद आती न हम सोते,तेरे बिन दम निकर जाता।

तुम्हारे  नाम  का  लेकर  सहारा,जी रहे भगवन,
तुम्हारी एक नजर से जिन्दगी,भव से उतर जाता।

गजब की शान है तेरी ,कन्हैया सब यही कहते,
बचाते लाज भक्तो की,भक्त जीवन सुधर जाता।

सरिता का काम है बहना,चरण में आपके रहना,
सभी की बात को सहना,मनमें विश्वास भर जाता।

सुनीता गुप्ता'सरिता'कानपुर

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5 Comments

Superve lines

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Sachin dev

06-Jan-2023 05:59 PM

Well done

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Gunjan Kamal

05-Jan-2023 08:36 PM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 🙏🏻🙏🏻

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